Tuesday, April 18, 2017

नाच

चक्कर चक्कर चाल जमूरे
ताल ताल तू नाच
थाली की तू थाप पर छम छम
दुनिया अपनी नाप

किस चेहरे के पीछे छिपकर
मौत खड़ी मुस्काए
कौन घोप दे पीठ पे खंजर
तू जो गले लगाए
आँखों की सीरत है शायद
झूठ को करना साँच
चक्कर चक्कर चाल जमूरे
ताल ताल तू नाच

कौन पराया कौन है अपना
कैसे तू पहचाने
चेहरों पहन पहन कर देखो
रूह लगे है खाने
चल मरघट पर चिलम भरें
सिने में खींचे आँच
चल चक्कर चक्कर झूम जमूरे
ताल ताल तू नाच

लाश है तेरी, अर्थी तेरी
कंधा कौन लगाए
मुर्दा भी एक बात बता तू
काम किसी के आए
मिट्टी के पुतले में लिपटे
कंजर सच है पाँच
चक्कर चक्कर चाल जमूरे
ताल ताल तू नाच

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