वो जागे तो सुबह जागे सूरज घर से आए ले कर धूप की विजय पताका अम्बर पर फहराए
वो जागे तो पंछी फिर से मीठा राग सुनाएं फूल फूल पर डोल डोल कर भंवरें गुन गुन गाएं
वो जागे तो पुरवाई भी खुशबू ले कर आए उसकी भीनी साँसों से जीवन को महकाए
No comments:
Post a Comment