Tuesday, August 19, 2014

रात भर करवटें

रात भर
करवटें
धुनता रहा
तेरे रंग के
ख्वाब
बुनता रहा

ना रात सोयी
ना सुबह जागी
उम्मीद के मोती 
चुनता रहा
साँसों में
तुझको
पिरोता रहा
तुझे
धड़कनों में
सुनता रहा

रात भर
करवटें
धुनता रहा
तेरे रंग के
ख्वाब
बुनता रहा

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