मेरे घर की मुंडेर पर
जब
धुप मुस्कुराती है
दिन आँचल में ले कर वो
जब
आँगन में पसर जाती है
गौरैया आ - आ कर
जब
दान चुग कर जाती है
नीम आचमन कर हवाएं
जब
ठंडी साँस पिलाती है
बारिश से भीगी मिटटी
जब
रूह को महकाती है
रात चांदनी ओस बनकर
जब
पत्तो से झर जाती है
जुगनू जगमग झिलमिल
जब
रात यूं ही कट जाती है
रेशम की तकली से
जब
तितली बाहर आती है
छत पर गिरती बारिश
जब
लोरी बन जाती हैं
ऊँचे ऊँचे पर्वत पर
जब
बर्फ लिहाफ उड़ाती है
मुझको
अक्सर
याद तुम्हारी आती है
जब
धुप मुस्कुराती है
दिन आँचल में ले कर वो
जब
आँगन में पसर जाती है
गौरैया आ - आ कर
जब
दान चुग कर जाती है
नीम आचमन कर हवाएं
जब
ठंडी साँस पिलाती है
बारिश से भीगी मिटटी
जब
रूह को महकाती है
रात चांदनी ओस बनकर
जब
पत्तो से झर जाती है
जुगनू जगमग झिलमिल
जब
रात यूं ही कट जाती है
रेशम की तकली से
जब
तितली बाहर आती है
छत पर गिरती बारिश
जब
लोरी बन जाती हैं
ऊँचे ऊँचे पर्वत पर
जब
बर्फ लिहाफ उड़ाती है
मुझको
अक्सर
याद तुम्हारी आती है
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