जैसी हो
अच्छी हो
बस ऐसे ही रहने दो
पानी बन कर
कभी कभी
खुद को बहने दो
कभी बादल बन कर तैरो
तुम सारा आकाश
बरसो कभी घटा तुम बनकर
पीने ऊसर की प्यास
कभी सावन की तुम बनो फ़ुहार
कभी बूँद बूँद तरसाओ
कभी उमड़ो तुम हर बॉंध तोडकर
कभी सागर तुम बन जाओ
जिसको को कहना है
जो कहता है
कहने दो
जैसी हो
अच्छी हो
बस ऐसे ही रहने दो
अच्छी हो
बस ऐसे ही रहने दो
पानी बन कर
कभी कभी
खुद को बहने दो
कभी बादल बन कर तैरो
तुम सारा आकाश
बरसो कभी घटा तुम बनकर
पीने ऊसर की प्यास
कभी सावन की तुम बनो फ़ुहार
कभी बूँद बूँद तरसाओ
कभी उमड़ो तुम हर बॉंध तोडकर
कभी सागर तुम बन जाओ
जिसको को कहना है
जो कहता है
कहने दो
जैसी हो
अच्छी हो
बस ऐसे ही रहने दो
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