ना जाने कितनी थी वो बातें
जो तुम को थी बतानी
कुछ कहनी थी, तुमसे
कुछ इशारों से जतानी
ना जाने कितनी थी वो बातें
जो तुम को थी बतानी
बातें, जो धड़कन थी मेरी
बातें, जो मेरी रवानी
बातें, जो चुप रह कर मैंने
चाही थी तुमें सुननी
ना जाने कितनी थी वो बातें
जो तुम को थी बतानी
अब वक़त निकल गया है आघे
वो बातें हुई--- कहानी
अक्सर रहती हैं आँखों में
वो बनकर बहता पानी
ना जाने कितनी थी वो बातें
जो तुम को थी बतानी
जो तुम को थी बतानी
कुछ कहनी थी, तुमसे
कुछ इशारों से जतानी
ना जाने कितनी थी वो बातें
जो तुम को थी बतानी
बातें, जो धड़कन थी मेरी
बातें, जो मेरी रवानी
बातें, जो चुप रह कर मैंने
चाही थी तुमें सुननी
ना जाने कितनी थी वो बातें
जो तुम को थी बतानी
अब वक़त निकल गया है आघे
वो बातें हुई--- कहानी
अक्सर रहती हैं आँखों में
वो बनकर बहता पानी
ना जाने कितनी थी वो बातें
जो तुम को थी बतानी
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