Sunday, October 27, 2013

पुराना संदूक

पुराने संदूक से निकली
एक कागज़ की पुड़िया
कुछ थे ख़त पुराने
एक कपडे की गुडिया

कुछ थे टूटे खिलौने
कुछ कच्चे से वादे
कोई पूरी कहानी
कुछ किस्से थे आधे

रुमालों पर था
थोडा नमक चढ़ा
उम्मीद का सोना
था जूतों पर जड़ा

फालतू टिकटें कुछ
तकदीर की गाड़ी की
उलझी उलझी कतरन
फ़कीर की दाड़ी सी

कुछ बिखरे से थे रंग
कुछ ख्वाब बेढंग
एक अमिया थी खट्टी
कुछ मिश्री थी कुछ भंग

कुछ थे ख़त पुराने
एक कपडे की गुडिया
पुराने संदूक से निकली
एक कागज़ की पुड़िया
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