ना वक्त ठहरता है
ना ज़िन्दगी
यादों के भंवर में
गोते खाते
हम
उलझ कर रह जातें हैं
भावनाओं के मकड्जाल में
असवाद की सलीब पर टंगे हुए
मसीह की तरह
खुले हाथ लिए
जिंदगी को गले लगाने के लिए
मगर हथेलियों पर गाढ़ी हुई कीलें
और काँटों से बंधी हुई बांहें
बस उलाहना ही देती हैं
और इसी को
प्रारब्ध मान कर
हम
ओढ़ लेते हैं छलावरण
की वक्त ठहर गया है
और जिंदगी रुक गयी है
ना वक्त ठहरता है
ना ज़िन्दगी
ना ज़िन्दगी
यादों के भंवर में
गोते खाते
हम
उलझ कर रह जातें हैं
भावनाओं के मकड्जाल में
असवाद की सलीब पर टंगे हुए
मसीह की तरह
खुले हाथ लिए
जिंदगी को गले लगाने के लिए
मगर हथेलियों पर गाढ़ी हुई कीलें
और काँटों से बंधी हुई बांहें
बस उलाहना ही देती हैं
और इसी को
प्रारब्ध मान कर
हम
ओढ़ लेते हैं छलावरण
की वक्त ठहर गया है
और जिंदगी रुक गयी है
ना वक्त ठहरता है
ना ज़िन्दगी
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