Thursday, April 04, 2013

कभी देख मेरी आँखों में


कभी देख 
मेरी आँखों में 
शायद 
ये कोहरा छट जाये 
जो गहरे बादल हैं 
तेरे अतर्रफ़ 
उम्मीद की चमक से 
शायद 
हट जाएँ 
तरब  में डूबा 
कोई लम्हा शाद हो 
और सागर की रंजिशें भी 
चाशनी से पट जाएँ 

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