Wednesday, April 10, 2013

मेरे करीब आ


मेरे करीब  
तेरी जुल्फों को सहलाऊँ 
माथे पर पड़ी ये सलवटें 
मैं चूम कर हटाऊँ 
ऐसे आँखों में उतरूं 
हर गम को मैं पी जाऊं 
थाम के तेरा हाथ  दर्द की 
दवा भी मैं बन जाऊं 
ऐसे सिल तू कुछ  मुझसे 
तू -मैं हो जा और 
मैं तू- हो जाऊं 

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