ये मुझे यकीन है
कि
हम मिलेंगे
वहां
जहाँ हर रंग तेरी आँखों में उतर आयेगा
जहाँ सूरज तेरे होठों से मुस्कुराएगा
जहाँ चांदनी तेरे नूर में नहाएगी
जहाँ कहकशाँ तेरे आँचल में झिल्मिलाएगी
जहाँ सरगम तेरी हँसीं की खनक में घुल जायेगी
जहाँ हवा तेरे साथ गुनगुनायेगी
जहाँ गुल तेरे क़दमों को चूमेंगे
जहाँ मौसम तेरे साथ झूमेंगे
जहाँ मैं - मैं न रहूँगा
जहाँ तू मुझ में उतर जाएगी
जहाँ तेरी उँगलियाँ मेरी रूह को सहलायेंगी
जहाँ तेरी सांसों से मेरी ख़ुशबू आयेगी
ये मुझे यकीन है
कि
हम मिलेंगे
वहां
No comments:
Post a Comment