मैं जानता हूँ
हमनफस
जब तक आँखों में ये ख्वाब ठहरा है
तेरे मुस्कुराहट धूप बनकर
मुझपर मेहरबान है
इस ख्वाब की उम्र है
कितनी
मुझको नहीं पता
इस लिए जीना चाहता हूँ
हर लम्हा
उम्र भर
दुआ है
अर्ज है
गुजारिश है
की ये ख्वाब कभी न टूटे
पर ख्वाब
शीशे के बने होते हैं
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