हूँ गुमशुदा कहीं
तेरी तलाश में
तुझे ढूँढने की ज़ार में
न दम निकल जाये
है जुनूं इतना
मेरी परश्तिश में
पत्त्थर का सही
खुदा पिघल जाये
अब तू मिले मुझे
या मिले फिरन
फिराक के रहगुज़र
न वक्त ढल जाये
आये क़यामत अब
हो विसाल ए यार
शिद्दत ए कर्ब से
समंदर न जल जाये
हूँ गुमशुदा कहीं
तेरी तलाश में
तुझे ढूँढने की ज़ार में
न दम निकल जाये
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