कितना सफ़र करोगे मंजिल की आस में
कुछ नहीं मिलेगा तुमको इस तलाश में
कस्तूरी जो ढूँढ़ते हो तुम, वो तो है पास में
छिपी हुई है कहीं वो मन के विश्वास में
दिखती नहीं है बस तुम्हें , जुनूनी प्यास में
कुछ नहीं मिलेगा तुमको इस तलाश में
कस्तूरी जो ढूँढ़ते हो तुम, वो तो है पास में
छिपी हुई है कहीं वो मन के विश्वास में
दिखती नहीं है बस तुम्हें , जुनूनी प्यास में
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