मैं जानता हूँ कि तुम सिर्फ एहसास हो
फिर भी न जाने क्यूँ दिल के पास हो
साँस लेता हूँ, तुझे महसूस करता हूँ
खो न जाये तो थोडा तो डरता हूँ
दिल धडकता है लहू के तू साथ चलती है
धडकनों के साज पर तू भी थिरकती है
मेरे ख्यालों मैं तू बन के धूप छाई है
फिर भी अँधेरा है, फिर भी परछाई है
कोशिश तो की की मगर मैं जी नहीं पाया
तेरी खुशबु भरी साँसों को मैं पी नहीं पाया
टुकड़े किये अपने हज़ार, पर मैं टूट न पाया
ये साथ तेरी जुम्बिशों का छूट न पाया
अब तो दुवा है कि ये वक्त ढल जाया
मेरे अक्स के साथ मैं तू भी पिघल जाये
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