क्या कभी
किसी राम ने
किसी रावण को मारा था ?
रावण तो आज भी जिन्दा है
और उसके दस सर कट कर
हर तरफ बिखर गए हैं
कभी वो
आतंकवाद बन कर उभरता है
कभी वो भ्रटाचार बन कर
और उसका दमन जरी है
और राम
वो है कहाँ
अब कौन सा वनवास काट रहे हैं
की सिर्फ उनकी खडाऊं ही नजर आती है
भारत की पूछो तो
वो राम को ढूँढने निकले हैं
और प्रजा प्रतडित हो रही है
सीता
उसकी तो अग्नि परीक्षा
अब तो जन्म लेने से पहले ही हो जाती है
और उसको जन्म लेते ही
धरती में सामान पड़ रहा है
जनता का पसीना
स्वित्ज़रलैंड की लंका मैं कैद है
और राम का नाम ले कर
विभीषण उस पर राज कर रहे है
और महंत
भोली भली जनता को
कलयुग की घुट्टी पिला रहे है
फिर कैसा दशहरा
फिर कैसी दिवाली
अमावास का अँधेरा
दियों से दूर नहीं होता
किसी राम ने
किसी रावण को मारा था ?
रावण तो आज भी जिन्दा है
और उसके दस सर कट कर
हर तरफ बिखर गए हैं
कभी वो
आतंकवाद बन कर उभरता है
कभी वो भ्रटाचार बन कर
और उसका दमन जरी है
और राम
वो है कहाँ
अब कौन सा वनवास काट रहे हैं
की सिर्फ उनकी खडाऊं ही नजर आती है
भारत की पूछो तो
वो राम को ढूँढने निकले हैं
और प्रजा प्रतडित हो रही है
सीता
उसकी तो अग्नि परीक्षा
अब तो जन्म लेने से पहले ही हो जाती है
और उसको जन्म लेते ही
धरती में सामान पड़ रहा है
जनता का पसीना
स्वित्ज़रलैंड की लंका मैं कैद है
और राम का नाम ले कर
विभीषण उस पर राज कर रहे है
और महंत
भोली भली जनता को
कलयुग की घुट्टी पिला रहे है
फिर कैसा दशहरा
फिर कैसी दिवाली
अमावास का अँधेरा
दियों से दूर नहीं होता
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