Sunday, October 23, 2011

दीपावली






चलो, 
साथ चलो 
हम कुछ कर दिखाते है  
बादलों बाँध हौसलों के मंझे से 
सूरज से पेच लड़ते हैं 

तुम 
हाथ तो दो 
मिलकर हम 
एक सीढ़ी नयी बनाते हैं  
थोडा सी कोशिश करतें हैं   
और चाँद जमीन पर लाते हैं


तुम
चुटकी भर उत्साह मिलाओ 
मैं मुठ्ठी भर उल्लाह्स 
सजे ये दुनियां खुशियों से
करें ऐसी रंगोली आज 

तुम 
मेरे कंधे पर चढ़ जाओ 
हम कुछ बटोर ले तारें
एक रख कर हर कोने में 
चलो अब दूर करें अंधियारे 

तुम 
लाओ सपनो का ताना 
मैं उम्मीद का बना 
गुंथे दोनों को जो हम 
फिर गूंजे नया तराना 
कोई धुन ऐसी 
संगीत कोई हो ऐसा 
खुशियाँ जो बस बिखराए 
न हींग लगे न पैसा 

चलो 
राम - लक्ष्मी की बातों से 
हम थोडा ऊपर आते है 
जोड़े तो हर एक मानव को
ऐसे दीपावली मानते हैं 

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