Monday, September 26, 2011

..हौंसला


किस्मत हथेली पर लिखी इबारतों  से नहीं मापी जाती 

बाजुओं की कुब्बत ही इसका पैमाना है 

जिसने बुरे हालातों  से बगावत की है , 

उसके क़दमों में झुका ये ज़माना है 


आंधियां आयेंगी कई ऐसी संगदिल, बसे गुलशन भी पल में उजाड़ जायेंगे 

वक्त की चाल ऐसे कातिल बदलेगी,सर अपने धडों से भी पलट जायेंगे 

साये कतरायेंगे साथ चलने से ,सासें भी रास्ता बदल बदल के दौड़ेंगी

मायूस उजालों के सलीबों पर,सिसकती उम्मीद भी कहीं दम तोड़ेगी 


वो घड़ी होगी कयामत की ,जब तेरा इन्तेहाँ होगा 

बस तेरे साथ तू  होगा , और न कोई वहां होगा 


खुद को तू  थम लेना , साँसों को न टूटने देना 

चाहे रात हो काली कितने उम्मीद न छूटने देना 


वक्त का खेल है ये , हौंसला उबलने दे  ,

पल दो पल दूर अब तुझसे सवेरा है 

जब ये रात फिर से चाल बदलेगी , 

ये जो सारा जहाँ है , बस तेरा है 

1 comment:

  1. जिसने बुरे हालातों से बगावत की है ,

    उसके क़दमों में झुका ये ज़माना है ... bahut badhiya....

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