Tuesday, May 16, 2017

तू बेबाक फ़कीर

चल शोना चल रमते जईये
चल गंगाा के तीर
तेरा जिस्म जियारत तेरी
तू बेबाक फ़कीर

तेरे पैर तेरे पैराहन
मन तेरा ये पानी
गंगा मे ले एैसी डुबकी
तन होए गुरबानी
शहद जुबाँ से एैसा रच दे
जैसा ठंडी खीर
तेरा जिस्म जियारत तेरी
तू बेबाक फ़कीर

तेरी साँस से लपटे जैसे
मोह के पाँच भुजंग
काट बेड़ियाँ ओड़ रिहाई
बन जा अाज निहंग
सब सिल जाए सब मिल जाए
किस की एैसी तकदीर
तेरा जिस्म जियारत तेरी
तू बेबाक फ़कीर

चल शोना चल रमते जईये
चल गंगाा के तीर
तेरा जिस्म जियारत तेरी
तू बेबाक फ़कीर

@ ना शोना के पैराहन , ना मीठा के पैर

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