Tuesday, April 04, 2017

सहर

नंगे पैर
हकीकतों की तपती रेत पर चल कर
मैं तेरा जानिब चला आया हूँ

अब ना ख़ुदा का खौफ है
ना ख़ुदी की बंदिश

तुझ में मिल कर मैं सहर हो जाऊँगा

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