Tuesday, April 02, 2013

तेरे बगैर

सोचा था 
कि 
तेरे बगैर 
दिन रात मेरे कट जायेंगे 
थोड़े से बादल 
हैं जो दिखते जेहन में 
जाने से तेरे
छट जायेंगे 

मगर तेरे जाना 
तूफान लाया 
जो भी थी पूँजी 
उसे भी गवायाँ 
तब जा कर मेरे 
समझ में ये आया 
की होंगे जुदा कैसे 
धूप - छाया

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