Thursday, February 07, 2013

जब भी मेरी बातें,तुम्हें, याद आयेंगी


जब भी मेरी बातें,तुम्हेंयाद आयेंगी  
कभी सताएँगी कभी तुमको रुलायेंगी 
बिजली सी कौधेंगी कभी तेरे रूबरू 
खलिश बन कभी कभी तूफ़ान उठाएँगी 
बरसेंगी कभी, आँखों से नीर झरकर 
पलकें कभी, कभी तेरा दामन भिगाएँगी 
जब भी मेरी बातें,तुम्हेंयाद आयेंगी  

जब भी मेरी बातें,तुम्हेंयाद आयेंगी 
कभी हँसाएँगी तो कभी गुदगुदाएंगी 
पसरेंगी तेरे सामने कभी धुप बनकर 
इन्द्रधनुष की कभी कतरन उड़ाएंगी 
उतरेंगी कभी,आँखों में तेरे नूर बनकर 
गीत बन कानों में कभी गुन्गुनाएँगी 
जब भी मेरी बातें,तुम्हेंयाद आयेंगी 

No comments:

Post a Comment