कविता
तुम कौन हो ?
सवाल हो;या जवाब हो
कोरी कल्पना का हिसाब हो
उम्मीद का महताब हो
कोई थाती , कोई किताब हो
शायद, कोई प्रेम कहानी हो
सुनी सपनों की जुबानी हो
धड़कन ,जो सुनानी हो
या तुम आँखों का पानी हो
तुम शायद उम्मीद हो
और थोडा सा फलसफा
वो दर्द , वो जज्बात हो
जिन ने है मुझ को लिखा
बहुत सोचा
बहुत पूछ
पर फिर भी तुम मौन हो
कविता
तुम कौन हो ?
तुम कौन हो ?
सवाल हो;या जवाब हो
कोरी कल्पना का हिसाब हो
उम्मीद का महताब हो
कोई थाती , कोई किताब हो
शायद, कोई प्रेम कहानी हो
सुनी सपनों की जुबानी हो
धड़कन ,जो सुनानी हो
या तुम आँखों का पानी हो
तुम शायद उम्मीद हो
और थोडा सा फलसफा
वो दर्द , वो जज्बात हो
जिन ने है मुझ को लिखा
बहुत सोचा
बहुत पूछ
पर फिर भी तुम मौन हो
कविता
तुम कौन हो ?
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ReplyDeleteबेह्तरीन अभिव्यक्ति .आपका ब्लॉग देखा मैने और नमन है आपको और बहुत ही सुन्दर शब्दों से सजाया गया है लिखते रहिये और कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये. मधुर भाव लिये भावुक करती रचना,,,,,,
बहुत अद्भुत अहसास...सुन्दर प्रस्तुति...