नन्हा सूरज
जब लिहाफ हटाएगा
उसकी आँखों से रोशन होकर
नया सवेरा आयेगा
छोटी मुट्ठी से आंखे मलकर
रात की धनक हटाएगा
फिर आँखों को मीचेगा
सपनों की बही मिलाएगा
फिर उसकी आँखें रोशन होगी
और नया सवेरा आयगा
फिर उठ बैठेगा
झट से
थोडा सा तुत्लायेगा
रात के सौतेलेपन पर
झूठा गुस्सा दिखलायेगा
फिर उड़ेलकर मुस्कान धुप सी
नए दिन को गले लगाएगा
फिर उसकी आँखें रोशन होगी
और नया सवेरा आयगा
जब लिहाफ हटाएगा
उसकी आँखों से रोशन होकर
नया सवेरा आयेगा
छोटी मुट्ठी से आंखे मलकर
रात की धनक हटाएगा
फिर आँखों को मीचेगा
सपनों की बही मिलाएगा
फिर उसकी आँखें रोशन होगी
और नया सवेरा आयगा
फिर उठ बैठेगा
झट से
थोडा सा तुत्लायेगा
रात के सौतेलेपन पर
झूठा गुस्सा दिखलायेगा
फिर उड़ेलकर मुस्कान धुप सी
नए दिन को गले लगाएगा
फिर उसकी आँखें रोशन होगी
और नया सवेरा आयगा
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