Saturday, November 26, 2011

नन्हा सूरज

नन्हा सूरज
जब लिहाफ हटाएगा
उसकी आँखों से रोशन होकर
नया सवेरा आयेगा


छोटी मुट्ठी से आंखे मलकर
रात की धनक हटाएगा
फिर आँखों को मीचेगा
सपनों की बही मिलाएगा
फिर उसकी आँखें रोशन होगी
और नया सवेरा आयगा

फिर उठ बैठेगा
झट से
थोडा सा तुत्लायेगा
रात के सौतेलेपन पर
झूठा गुस्सा दिखलायेगा
फिर उड़ेलकर मुस्कान धुप सी
नए दिन को गले लगाएगा
फिर उसकी आँखें रोशन होगी
और नया सवेरा आयगा

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