Friday, August 26, 2011

जाहिर सी बात ये मेरे यार है

जो तुझको हर सुबह नया एहसास लगती है 

वो खुशबू रात रानी की हमेशा पास लगती है 

हवाएं तुझ को छू कर के जो रास्ता भूल जाती हैं 

कोई मीठा सी धुन तेरे लिए वो बजती हैं 

जो बच्चों की मुस्काने तेरे दिल में उतरती है 

तितलियाँ तेरे लिए ही जो रंग भारती हैं 

चाय ठंडी होती नहीं , आइसक्रीम नहीं पिघलती 

क्या फर्क पड़ता है की घड़ी हो रुकी या चलती 

ना भूख लगती है कभी ,न लगती कभी प्यास है 

जिदंगी में हर पल एक अंजना उलसास है 

बारिश गिला नहीं करती तुझे ,धुप नहीं हैं झुलसती 

जाग जाग के रात रात भर भी जब नींद नहीं है आती 

जाहिर सी बात ये मेरे यार है 

तुझको किसे से प्यार है

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