लेकिन
जीवन फिर भी बहता है
ग्रहण से ग्रसित
ग्रहण शून्य के विचार के साथ
मारे हुए
भ्रम की एक अतिशयोक्ति में दफन
यह समय,
समय
स्थिर नहीं था ठंडे बस्ते में
मैंने सुना है कि यह प्रवाह
दिल की धड़कन में
प्रतिशोध की एक इत्मीनान से गति के साथ
कुछ तरह आश्वस्त शब्दों के साथ गाया
जीवित होने का शब्द
जीवन के बिना जीवित किया
लेकिन मैं मरा नहीं हूँ
और मैं एक बेताल भी नहीं हूँ
मैं सांस लेता हूँ , मैं मुस्कुराता हूँ ,
और देता हूँ बेतुकी कविता को जन्म
मेरे होश
दृढ़ होश
अक्सर बासी हास्य के साथ मुझ पर ठष्ठा करते हैं
और मैं हँसता हूँ
अपने आप पर
किसी ने मुझसे कहा बिखरे दूध पर रोना नहीं
बिखरा दूध
जो मेरी आत्मा में है जमा दर्द के रूप में
दर्द के रूप में जो रक्त थक्का बन कर
कर सकता है मेरी नसों को गर्भवती
एक संदिग्ध विश्वास के साथ
"यह भी पारित करेगा."
और साल
और कई साल बीत चुके हैं.
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