Thursday, December 19, 2013

कुछ तेरी सुनूँ

मैं
ये सोचता हूँ
अक्सर
तेरे बारे में
कभी बैठूं
तेरे साथ
किसी चौबारे में
कुछ
तेरी सुनूँ
कुछ
अपनी बात करूँ
तुझ से ज़ाहिर
कुछ
अपने ज़ाज़बात करूँ
कुछ
जुबाँ से हो बायाँ
कुछ
इशारे में
ये सोचता हूँ
अक्सर तेरे बारे में

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